Saturday 28 December 2013

incidental


just one big eternal sniff
and when the Shehnaai cried
and when the hound kisses your leg with its beautiful canines
and when you returns the favor to the beast with your warm, soft flesh and blood
and then you execute the run like an immortal
and when the couple droplets of blood trickle down from the gap
savoring each and every centimeter of your sweaty skin
and when the wounded opening feels the enjoyment of the fresh wind of the dawn
and when the pain stop getting radiated
and when you feel like a superhuman
and when you observe what you could never
and when where everybody you know is afraid for you but you aren't
and when you do exactly what was forbidden to you
that will without any exception would harm you but you enjoy it and survive
and when everything is over and you again become what you were before THEN...

Sunday 15 December 2013

That Intimidating Girl...


मैंने देखा उसे दिल्ली कि उस सर्द शाम में,
अपने दोस्तों के साथ चाय पी रही थी,
मुस्कुरा रही थी, कहके लगा रही थी,
तिरछी आखों से गौर भी फ़रमा रही थी उनकी बातों का...

जब पहुँचा अपनी मंजिल पर
तो लगा कि जैसे कोई तार जुड़ गया हो उससे मेरा
लाल स्वेटर, खुले लंबे बाल, मेरे सामने से गुज़री,
चंद पलों के लिए ही सही पर नज़रें जुड़ीं,
जैसे कोई चुम्बक और लोहे का टुकड़ा

में नहीं जनता था कि वो और उसके दोस्तों का ठिकाना है ये,
वो मुझे नहीं पता था जिस काम के लिए मै आया हूँ उससे वो भी जुड़ी होगी कहीं


उसका व्यक्तित्व जैसे मुझे धमका रहा हो,
वो छोटे कद कि, दुबली लड़की पर चहरे पे एक अलग ही तेज था उसके,
उसी आत्मविश्वास कि चमक ने धमकाया था मुझे
और फिर कई बार देखा उसे इधर से उधर टहलते,
कभी उत्साहित, कभी घबराई, कभी निश्चिंत, कभी बहुत ही सहायक और कभी... सिर्फ वो


जब पंहुचा दर्शन करने अपने शौक का जिसे अपना जोश, अपना तमक समझता था कभी,
जिसपे गुरूर था मुझे भी कभी, जो अब बस एक शौक रह गया है,
अब आया बस दर्शन अभिलाषी बनकर तो सबसे पहले उसी को मंच पे दर्शित होते देखा
'एक अभिनेत्री'
मै अपने देह में इतनी शक्ति से चिल्लाया
कि मेरा चेहरा, कंधे, भोवें, माथा, हाथ और हथेलियाँ भी
अपने आप को अपनी तरह से बोलने पर रोक ना सकीं


नीली ड्रेस में, 6० के दशक कि अमरीकी टीनएज गर्ल के एक आम पहनावे में मंच पर प्रकट हुयी,
एक लड़के के प्यार गुम लड़की कि भूमिका निभा रही थी


फिर वही जोड़ महसूस हुआ, फिर वही खिचाव आँखों का, हृदय का, पारस्परिक सचेतना का,
फिर वही सिलसिला शुरू हुआ
घंटे बदले, कहानी बदली, भूमिकाएं भी बदली
उसकी भी, अब वो एक हिप्पी, एक प्रसिद्ध म्यूजिक बैंड कि सदस्या थी
और अंत में दोबारा वही नीली ड्रेस वाली लड़की...


और फिर तीन घंटे बाद सभी कलाकारों के साथ दर्शकों को सलामी और धन्यवाद लिया
the ultimate bow जो कलाकार लोग लेते है अपनी हर कला कि भेंट के बाद,
जो एक प्रचलन और एक संस्कृति है इस कला कि दुनिया कि 
तालियों कि गड़गड़ाहट जैसे बदल गरजे हों
और दर्शकों का standing ovation


समापन तो भव्य था ही परन्तु उससे भी भव्य थे मेरे अंदर के विचार
जो कह रहें थे 'जा जा जा...' 
पर फिर उसी किंकर्तव्यविमूढ़ कि भावना को हावी होते देखा,
फिर एक बार मेरा 'मै' जीत गया, फिर एक बार मेरी खुशी सहम गई


कुछ रह गया तो बस एक सुनहरी स्मृति, जो हमेशा मेरे साथ रहेगी
एक याद जो कहती रहेगी
तू खुश हुआ था कहीं, तू जीवित है अभी भी, 
अभी भी देर नहीं हुई है, अभी शक्ति समाप्त हुई नहीं है, 
अभी साहस है, अभी साहस है 
अभी भी तू फिर बन सकता है, अभी तू खड़ा हो सकता है... 


तो प्रण किया मैंने कि
रोज़ उसे याद करूँगा
ताकि कुछ हो ना हो,
मै बदलूँ ना बदलूँ,
किसी को पाऊं ना पाऊं
पर ये आवाज़ जीवित रहेगी
कि... तुम्हें जीवित रखूँगा अपने देह में 
कभी भूलने ना दूँगा तुम्हें 
क्यूँ कि तुम्ही तो हो
That intimidating girl

Monday 2 December 2013

कुछ और बर्बाद सपने...

कुछ और बर्बाद सपने,
जो सोते नहीं जागते ज़्यादा बनते हैं|
बिना शराब के पूरे होश-ओ-हवाज़ में मदहोशी देते हैं,
कुछ और बर्बाद सपने|

बाहर फैले बर्बादी के मंज़र को ढक लेते हैं ये,
ज़ख्मों से ही शायद जन्म लेते हैं ये,
एक अजीब से सुकून में भी घबराहट देते हैं ये,
कुछ और बर्बाद सपने|

झूट हो कर भी हमहीं से खुद को सच मनवाते हैं ये,
सच मनो तो पल में दिल तोड़ जाते हैं ये,
इतने खुदगर्ज़ हैं कि किसी को बताए भी ना जाएँ,
भूखों मर जाएँ पर इनकी खुराक कहीं ना जाये,
कभी भी डरा कर नहीं भाग जाते हैं ये,
कुछ और बर्बाद सपने|

कुछ काम नहीं करने देना चाहते हैं ये,
बस खयाली पुलाव बनवाते हैं ये,
दीन दुनिया से कोई मलतब नहीं,
खुद को ही भरमाये जाते हैं ये,
कुछ और बर्बाद सपने...
कुछ और बर्बाद सपने...